sidh kunjika Fundamentals Explained
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः
This Mantra is written in the shape of a dialogue amongst a guru and his disciple. This Mantra is thought for being The important thing to the peaceful point out of brain.
धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी ।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः
मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम् ।
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
न कवचं नार्गला-स्तोत्रं, कीलकं न रहस्यकम्।
देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।
मनचाहा फल पाने के लिए ये पाठ कर रहे हैं तो ब्रह्मचर्य का पालन करें. click here देवी की पूजा में पवित्रता बहुत मायने रखती है.
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम् ।
समय का अभाव है तो नवरात्रि के नौ दिनों में सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कर देवी की उपासना की जा सकती है. इससे पूजा और व्रत का अक्षय पुण्य प्राप्त होगा.